Wednesday, November 6, 2019

Cavity protection home remedies

      Cavity protection home remedies





  कैविटी के हमले से करें दांतों का बचाव




अगर किसी को खांसी नहीं है
लेकिन मुंह में हमेशा कफ आता है,
मुंह का स्वाद खराब रहता है तो उसे
'एचआईवी' टेस्ट करा लेना चाहिए.
हर दो तीन दिन में बुखार महसूस
होना, बुखार का तेज होना या एक
महीने से ज्यादा बुखार आना.
भारी काम या फिजिकल एक्टिविटी
किए बिना भी मसल्स में हमेशा स्ट्रेस
और अकड़न का एहसास होता है,
बिना काम किए थकान महसूस
है तो आपको तुरंत किसी एक्सपर्ट से
कंसल्ट करना चाहिए.
सूजन भरी गिल्टियां हो सकती हैं.
दर्द न देने वाली ये गिल्टियां अक्सर
गले, बगल या जांघों में होती हैं.
 अगर वजन बिना कोशिश के टोटल
वजन से 10 परसेंट कम हो जाता है तो
तुरंत चेकअप करवाना चाहिए.
ढलती उम्र से पहले ही जोड़ों में
दर्द और सूजन हो या सिर में हर वक्त
हल्का दर्द रहता है तो जांच करवाएं.

हल्दी औट नीम



हल्दी को कैविटी के दर्द से राहत
दिलाने के लिए यूज किया जाता है.
इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और
एंटी-इंफ्लेमेट्री क्वालिटीज मसूढ़ों
को हेल्दी रखने के साथ-साथ
बैक्टीरियल इंफेक्शन के चलते दांतों
के गिरने की प्रॉब्लम को भी रोकती
हैं. इंफेक्टेड दांत पर थोड़ा हल्दी
पाउंडर लगाकर इसे कुछ मिनटों के
लिए छोड़ दें. फिर गुनगुने पानी से
अच्छी तरह कुल्ला कर लें.
दांतों और मसूड़ों पर नीम
के पत्तों का रस रगड़ें, कुछ मिनट
के लिए इसे छोड़ दें और फिर
गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें.
इसको दिन में एक या दो बार करें.
इसके अलावा आप नीम की दांतून
का भी इस्तेमाल दांतों में ब्रश करने
के लिए कर सकते हैं.


लहसुन


अपनी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-
बायोटिक क्वालिटीज के चलते
लहसुन दांतों के टूटने और कैविटी
दूर करने में मदद करता है. यह दर्द
से राहत देने में, हेल्दी मसूडों और दांतों
के लिए भी अच्छा होता है. 3 से 4
लहसुन की कलियों को कुचलकर और
उसमें 1/4 चम्मच सेंधा नमक मिलाकरपेस्ट बना लें. फिर इसे इंफेक्टेड दांत पर लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़
दें. कैविटी कम करने के लिए ऐसा
कुछ दिनों के लिए दिन में दो बार करें.

 मुलेठी

मुलेठी की जड़ दांतों को हेल्दी
रखने में मदद करती है. इसमें मौजूद
एंटी-बैक्टीरियल क्वालिटीज की
वजह से कैविटी बढ़ने से रोकने में
मदद मिलती है. इसके अलावा यह
'प्लाक' कम करने में भी मदद करती
है. रेग्युलर्ली दांतों में ब्रश करने के
लिए मुलेठी की जड़ के पाउडर का
यूज करें. इसके अलावा आप टूथब्रश
करने के लिए मुलेठी की स्टिक का
इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इससे भी
राहत मिलती है.

 लौन्ग

यह कैविटी के अलावा दांतों से जुड़ी
कई तरह की प्रॉब्लम्स से बचाव में
कारगर साबित होती है. अपनी एंटी-
इंफ्लेमेट्री, एनाल्जेसिक और एंटी-
बैक्टीरियल क्वालिटीज के चलते लौंग
दर्द कम करने और कैविटी फैलने से
रोकती है. प्रॉब्लम होने पर 1/4 चम्मच
तिल के तेल में 2 से 3 बूंदें लांग के
तेल की मिला लें. इसको रात में सोने
से पहले कॉटन बॉल में लेकर इफेक्टेड
दांत पर लगाएं.

नमक

यह दर्द और सूजन कम करने,
किसी भी तरह के इंफेक्शन और
मुंह में बैक्टीरिया बढ़ने से रोकने में
मदद करता है. एक चम्मच नमक
को गर्म पानी में मिला लें. फिर इस
पानी से कुल्ला करें. प्रॉब्लम दूर
होने तक इसको दिन में तीन बार
करें. इसके अलावा, आधा चम्मच
नमक, थोड़ा सरसों का तेल और
नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बना
लें. इस पेस्ट से कुछ मिनटों तक
मसूड़ों पर मसाज करें. बैक्टीरिया
मारने के लिए इसको कुछ दिनों
तक रोज दो बार करें.


आपके दांत हेल्दी हैं तो यह आपकी अच्छी सेहत का एक इंडिकेशन है, अगर आपने इनका ख्याल नहीं रखा तो इसका असर आपकी ओवरऑल हेल्थ पर भी होगा. 'कैविटी' दांतों की एक कॉमन प्रॉब्लम है जिसमें कुछ घरेलू उपाए काफी कारगर रहते है

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