इस एक्टर को अपनी सक्सेस पर नहीं है यक्ीन
दुनिया के सबसे पॉपुलर टॉक शो होस्रस में से एक डेविड
लैटरमैन ने हाल ही में शाहरुख खान का दिल्ली में इंटरव्यू
लिया. इस इंटरव्यू में शाहरुख ने अपने करियर, पर्सनल
लाइफ और अपने पेरेंट्स से जुड़ी कई बातें कीं. इस दौरान
शाहरुख ने अपने पेरेंट्स से नाराजगी जताते हुए कहा, 'शायद
यह गलत है और मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए लेकिन एक
बात है जिससे मैं अपने पेरेंट्स से नाराज हूं, वह बात यह
है कि उन्होंने मेरे साथ ज्यादा वक्त नहीं विताया.' शाहरुख
के फादर ताज मोहम्मद खान की डेथ 1981 में और उनकी
मदर लतीफ फातिमा की डेथ 1991 में हो गई थी. किंग
खान की पहली मूवी दीवाना 1992 में आई थी.
शाहरुख ने आगे कहा, 'मैंने यह फैसला
किया है कि मैं लंबे वक्त तक जिंदा रहूंगा
ताकि अपने बच्चों के साथ अच्छा खासा
वक्त बिता सकूं और उन्हें कभी यह ना
लगे कि उनके पेरेंट्स उनके साथ
नहीं हैं. मुझे उनके साथ सोना, वक्त
बिताना और बातचीत करना काफी पसंद
है. डेविड से बातचीत में शाहरुख ने
बताया फैमिली से होने के बावजूद उन्हें जिस
तरह कामयाबी मिली, उन्हें यह सब एक
सपना लगता है. वह बोले, 'मैं लोअर
मिडिल क्लास का एक अनाथ लड़का हूँ
जो ग्लैमर के शहर से जुड़ा और
एक्टर बन गया. दुनिया ने मुझे अपने प्यार
से दुलारा है. यह केवल सपनों में होता
है. मुझे यकीन नहीं हुआ, पर मैं आज
दिल्ली का लड़का हूँ.
यह पृछे जाने पर कि पहली बार
जब उन्होंने गखुद को बड़े पर्दे पर
देखा, तब उनका रिएवशन क्या था,
तो इसपर किंग खान ने बताया,
'1992 में आई मृवी राजू बन गया
जेंटलमैन की बात है, जिसका
डायरेक्शन अजीज मिर्जा ने किया
था. मैं उसकी कुछ झलकियां
आरके स्टूडियोज में देख रहा
था. मैंने पाया. मेरे बहुत वुरे बाल थे.
मैं नाना पाटेकर, अमृता सिंह और
जूही चावला के सामने
एक्टिंग कर रहा था. मैंने तड़के
4.15 बजे की फ्लाइट का टिकट
लिया और एयरपोर्ट यह सोचकर
गया कि मैं मूवीज में काम नहीं
कर सकता. हालांकि, अजीज और
जूही ने मुझे यकीन दिलाया कि यह
उतना बुरा नहीं है और फाइनल कट
अच्छा होगा.
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